“PoK छोड़कर हिजबुल और जैश KPK की ओर भागे, सुरक्षा दबाव और डर बना मुख्य कारण।”

PoK छोड़ KPK क्यों भाग रहे हैं हिजबुल और जैश? जानें, आतंकियों को सता रहा किसका खौफ

हाल ही में सामने आई खबरों के अनुसार हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन PoK (पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर) छोड़कर KPK (खैबर पख्तूनख्वा) की ओर पलायन कर रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ इलाके का नहीं, बल्कि उनके ऊपर बढ़ते दबाव और खौफ का स्पष्ट संकेत है।

PoK में हालात आतंकियों के लिए तेजी से असुरक्षित हो रहे हैं। भारत की खुफिया और सैन्य एजेंसियों की लगातार कार्रवाई ने उनके ठिकानों को निशाना बनाया है। इसके साथ ही, PoK में स्थानीय लोग भी आतंकियों के खिलाफ खड़े होने लगे हैं, जिससे उनका नेटवर्क कमजोर हो गया है।

आंतरिक संघर्ष और संगठन के भीतर की तनावपूर्ण परिस्थितियाँ भी उनके लिए मुश्किलें बढ़ा रही हैं। संगठन के वरिष्ठ नेता और कमांडर अपनी सुरक्षा और संचालन की स्थिरता को लेकर चिंतित हैं। इस कारण से, वे ऐसे इलाके की तलाश में हैं जहां कम सतर्कता हो और सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध हों। KPK उनकी इस तलाश का मुख्य केंद्र बन गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार यह पलायन केवल भौगोलिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह आतंकियों की कमजोरी और डर को दर्शाता है। यह संकेत देता है कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता प्रभावी साबित हो रही है। ऐसे हालात भविष्य में सुरक्षा नीतियों और आतंकवाद-रोधी रणनीतियों पर भी गहरा असर डाल सकते हैं।

हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूह अब PoK छोड़कर KPK की ओर भाग रहे हैं। इसका मुख्य कारण है उनके ऊपर बढ़ता हुआ दबाव और डर। PoK में भारत की खुफिया और सैन्य कार्रवाईयों ने उनके ठिकानों को असुरक्षित बना दिया है। साथ ही, वहां के स्थानीय लोग भी आतंकियों के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हुई है। आतंकी संगठन अपने नेटवर्क के अंदर भी आंतरिक झगड़ों और सतर्कता की वजह से दबाव में हैं। इस सबके चलते वे KPK में कम सतर्कता और संभावित सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं।

संक्षेप में, यह पलायन उनकी कमजोरी और डर को दर्शाता है, और यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर संकेत है।

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