सालों का साथ इतिहास, अब आमने-सामने, सीवान के रघुनाथपुर में पिता शहाबुद्दीन के दोस्त से टक्कर लेंगे ओसामा?

🚨 सीवान की सबसे बड़ी जंग: रघुनाथपुर सीट पर शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा बनाम दोस्त से दुश्मन बने मनोज सिंह!

शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और मनोज सिंह.
शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और मनोज सिंह.

सीवान/पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल भले ही अभी न बजा हो, लेकिन सियासी गलियारों में खामोशी टूट चुकी है। राजनीतिक हवा का रुख इस बार सीधे-सीधे सीवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट की ओर है। वजह साफ है—यहां मुकाबला सिर्फ दो नेताओं का नहीं बल्कि दोस्ती बनाम दुश्मनी का माना जा रहा है।

मैदान में उतरने वाले हैं बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब, और उनके सामने होंगे उन्हीं के पिता के बचपन के दोस्त और वर्तमान में एनडीए खेमे से मजबूत चेहरा मनोज सिंह

🔥 दोस्ती की मिसाल, अब बनी दुश्मनी की दास्तान

सीवान की राजनीति में कभी शहाबुद्दीन और मनोज सिंह की दोस्ती की मिसाल दी जाती थी। लोग कहते थे कि दोनों की जोड़ी अटूट है। लेकिन वक्त बदला और अब वही दोस्ती बदल चुकी है चुनावी अदावत में।

हालांकि मनोज सिंह बार-बार यह कहते रहे हैं—

“शहाबुद्दीन अब इस दुनिया में नहीं हैं, तो उनसे कैसी अदावत? चुनाव लड़ना लोकतांत्रिक अधिकार है।”

लेकिन जनता में चर्चा यही है कि यह चुनाव होगा दोस्ती बनाम दुश्मनी का।

💥 ओसामा का नया सियासी दांव

शहाबुद्दीन का नाम वर्षों तक सीवान की राजनीति पर छाया रहा। अब उनके बेटे ओसामा उसी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए मैदान में उतर रहे हैं।
कहा जा रहा है कि युवाओं और पारंपरिक वोट बैंक के सहारे ओसामा इस सीट पर बड़ा धमाका कर सकते हैं।


🏆 मनोज सिंह का पलटवार

मनोज सिंह इस समय कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष हैं और इलाके में अच्छी पकड़ रखते हैं। दिलचस्प बात ये है कि उनके कोऑपरेटिव चुनाव में खुद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहब और बेटा ओसामा ने उनका साथ दिया था। यानी कभी साथी रहे, और अब चुनावी प्रतिद्वंदी बन चुके हैं।

मनोज सिंह साफ कह चुके हैं:

“अगर गठबंधन ने मौका दिया तो इस सीट से मैं ही चुनाव मैदान में उतरूंगा।”


⚡ क्यों है रघुनाथपुर सबसे हॉट सीट?

  • शहाबुद्दीन की विरासत से जुड़ा इलाका

  • ओसामा की एंट्री से सीट पर बढ़ा रोमांच

  • मनोज सिंह का मजबूत संगठन और अनुभव

  • दोस्ती से दुश्मनी बनी कहानी ने बढ़ाया सस्पेंस


🚨 नतीजे पर टिकी निगाहें

बिहार की राजनीति में हमेशा से सीवान का बड़ा महत्व रहा है। लेकिन इस बार रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र ने सबका ध्यान खींच लिया है।
यहां की लड़ाई सिर्फ चुनावी नहीं, बल्कि भावनात्मक और ऐतिहासिक टक्कर मानी जा रही है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस सीट पर विरासत को चुनती है या अनुभव को।
फिलहाल इतना तय है कि रघुनाथपुर की गिनती बिहार चुनाव 2025 की सबसे बड़ी सनसनी में होने वाली है।

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